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INDIA गठबंधन में शामिल होने के लिए BSP की शर्त, मायावती को बनाएं PM चेहरा

BSP condition for joining INDIA alliance

सत्य खबर/नई दिल्ली: इस बार विपक्षी दलों के गठबंधन भारत ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को सत्ता से बाहर करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है, लेकिन अब तक गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी की एंट्री नहीं हो पाई है. बीएसपी की एंट्री को लेकर लंबे समय से अटकलें चल रही हैं लेकिन मायावती ने इसे खारिज कर दिया है. इंडिया अलायंस की पिछली बैठक के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यह मुद्दा उठाया था और तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपी में सपा के साथ कांग्रेस के तालमेल की बात कही थी.

इस बीच बिजनौर से बीएसपी सांसद और मायावती के करीबी माने जाने वाले मलूक नागर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने विपक्षी गठबंधन भारत में मायावती की एंट्री को लेकर बड़ी शर्त रखी है. उन्होंने कहा कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी गठबंधन की ओर से बीएसपी प्रमुख मायावती को पीएम चेहरे के तौर पर पेश किया जाता है तो बीएसपी इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर विचार कर सकती है. दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कई नेता भी भारत गठबंधन में बसपा को शामिल करने की वकालत कर रहे हैं.

माया का वोट बैंक निर्णायक बढ़त दिलाएगा

बीएसपी सांसद मलूक नागर ने कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन भारत बीजेपी को हराना चाहता है तो उसे बीएसपी प्रमुख मायावती को प्रधानमंत्री पद के चेहरे के तौर पर पेश करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोक पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के पास करीब 37-38 फीसदी वोट हैं और अगर इसमें मायावती के करीब तेरह फीसदी वोट जोड़ दिये जाएं तो विपक्ष को निर्णायक बढ़त मिल सकती है.

पहले मायावती को पीएम चेहरा बनाना होगा.

उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिले 44 फीसदी वोटों से कहीं ज्यादा है, लेकिन विपक्षी दलों को मायावती का वोट बैंक पाने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री का चेहरा बनाना होगा. उन्होंने कहा कि मायावती को पीएम चेहरा बनाने का फायदा पूरे देश में होगा और विपक्षी गठबंधन के वोट बैंक में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी.

उन्होंने कहा कि भगवान ब्रिगेड भी दलित मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है लेकिन अगर मायावती को पीएम चेहरा बनाया जाता है तो यह वोट बैंक वापस आ जाएगा.

राहुल गांधी को रोकने के लिए खड़गे का नाम

भारत गठबंधन की पावर मीटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मायावती ममता बनर्जी ने पीएम चेहरे के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. इस प्रकरण का जिक्र करते हुए बीएसपी सांसद मलूक नागर ने कहा कि राहुल गांधी को पीएम चेहरा बनने से रोकने के लिए ममता ने यह कदम उठाया है.

नागर ने कहा कि दोनों नेताओं को अच्छी तरह पता था कि अगर खड़गे का नाम प्रस्तावित किया गया तो सहयोगी दलों का विरोध होगा. यही वजह है कि पिछली बैठक के बाद भारत गठबंधन में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है.

सपा मुखिया ने खुलकर विरोध किया था

हालांकि, उत्तर प्रदेश की राजनीति में विपक्षी गठबंधन में बीएसपी को शामिल करने के प्रस्ताव का समाजवादी पार्टी द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है. इंडिया अलायंस की पिछली बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने साफ कहा था कि अगर गठबंधन में बसपा को शामिल किया गया तो सपा का गठबंधन में बने रहना संभव नहीं होगा.

इस पर राहुल गांधी ने सपा के साथ गठबंधन जारी रखने का आश्वासन दिया था. बसपा प्रमुख मायावती ने हाल ही में संकेत दिया था कि उनकी पार्टी भविष्य में गठबंधन के लिए अपने दरवाजे खुले रखना चाहती है।

कुछ कांग्रेस नेता भी कर रहे हैं वकालत

हालांकि, हाल ही में यूपी कांग्रेस नेताओं की आलाकमान के साथ हुई बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं के एक खेमे ने बसपा से हाथ मिलाने पर जोर दिया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी लगातार इसी की वकालत में लगे हुए हैं. उधर, आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी का कहना है कि मायावती पहले से ही भारत गठबंधन में शामिल होने से इनकार करती रही हैं. ऐसे में उन्हें जबरन गठबंधन में शामिल नहीं किया जा सकता.

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